Sunday, October 16, 2011

हिंदी पखवाड़ा समापन


रिपोर्ट

हिंदी पखवाड़ा का समापन

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् एवं पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग के संयुक्त तत्वावधान में गत 14 से 29 सितम्बर तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन स्थानीय गोरखा सेकण्डरी स्कूल में किया गया। पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगितायों का आयोजन किया गया। पखवाड़ा का समापन समारोह का आयोजन पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के अध्यक्ष श्री बिमल बजाज की अध्यक्षता में गुरुवार दिनांक 29 सितम्बर को गोरखा सेकण्डरी स्कूल के प्रांगण में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री एन. मुनिश सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् उपस्थित थे। इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती मञ्जु लामा ने कहा कि यदि हम हिंदी भाषा को सीखते हैं तो इससे हमारी मातृभाषा भी मजबूत होगी। श्रीमती लामा हिंदी के प्रचार प्रसार पर बल देते हुए पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा चलाए जा रहे हिंदी विकास अभियान की चर्चा की, जहाँ हिंदीतर भाषी छात्र-छात्राएँ हिंदी को सीखने के लिए आते हैं। शिक्षक श्री येमो पौड़वेल ने हिंदी के प्रचार-प्रसार की गति पर अपनी असंतोष व्यक्त किया। साथ ही हिंदी के प्रति अपनी सोच को बदलने के लिए निवेदन किया। श्री पोडवेल ने हिंदी के शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया और हिंदी को सही रूप में अपनाने पर बल दिया। श्री सीताराम पौड़वेल ने हिंदी की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी का अभ्यास करने से हमारी मातृभाषा पर कोई खतरा नहीं है। इससे हमारी मातृभाषा का भी विकास होगा क्योंकि दोनों की लिपि एक ही है। विशेष अतिथि श्रीमती सुभद्रा प्रदान, प्रधानाध्यापिका, गोरखा सेकण्डरी स्कूल ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि अकादमी द्वारा चलाई जा रही कक्षाओं मुख्य अतिथि श्री एन. मुनिश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह हिंदी का प्रयोग पूर्वोत्तर भारत में हो रहा है वह संतोषजनक है। श्री सिंह ने अपनी मधुर आवाज में एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मुग्ध कर दिया। इस अवसर केन्द्रीय विद्यालय अपर शिलांग की प्रचार्या श्रीमती सरोज कुजुर ने छात्रों से काफी गंभीरता पूर्वक बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित किया। अकादमी के सचिव डॉ. अकेलाभाइ ने घोषणा की कि इस माह से कम्प्यूटर पर नागरी लिपि टाइपिंग सिखाई जाएगी। हिंदी का प्रयोग सिर्फ पखवाड़ा मनाते समय या सप्ताह मनाते समय ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष हिंदी के प्रयोग पर बल दिया जाना चाहिए।

इस अवसर पर सिरिया से आये दो अतिथियों श्री हसन एवं श्रीमती हसन की उपस्थिति ने समारोह में चार चाँद लगा दिए। श्री हसन ने अपना भाषण अंग्रेजी में प्रस्तुत किया और छात्र-छात्राओं को अपनी राष्ट्रभाषा के विषय में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कई उदाहरण देकर विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की।

समापन समारोह की शुरुआत गोरखा सेकण्डरी स्कूल के छात्रों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीत से हुआ। श्री बिमल बजाज ने स्वागत भाषण दिया। अकादमी द्वारा फुलाम गमछा पहनाकर सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया। डॉ. अरुणा उपाध्याय ने इस समारोह का सफल संचालन किया। श्रीमती सरला मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हम वचन बद्ध हैं।

इस अवसर पर पुष्पलता राठौर सहित, गोरखा सेकण्डरी स्कूल के सभी शिक्षक, विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले 16 विद्यार्थियों को उपहार और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। साथ ही शिक्षकों के लिए भी प्रतियोगिताएं आयोजित की थीं जिसमें 4 विजेता शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपहार और प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। समस्त हिंदी प्रेमियों द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ इस समारोह का समापन हुआ।

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