Wednesday, July 1, 2015

राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का भव्य आयोजन

शिलांग में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का भव्य आयोजन
पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के तत्वावधान में दिनांक 5 जून 2015 से 7 जून 2015 तक श्री राजस्थान विश्राम भवन, लुकियर रोड, गाड़ीखाना, शिलांग में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस तरह का आयोजन अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष मई-जून महीने में सन् 2008 से किया जा रहा है। इसके पूर्व 2002 में भी अखिल भारतीय लेखक शिविर का आयोजन किया गया था।
उद्घाटन सत्र
दिनांक 5 जून को दोपहर 3.30 बजे इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्रीमती उर्मि कृष्ण, वरिष्ठ पत्रकार एवं निदेशक, कहानी लेखन महाविद्यालय, अंबाला छावनी (हरियाणा) ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस सत्र में मुख्य अतिथि के अतिरिक्त अति विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री शंकरलाल जी गोयनका, विशिष्ट अतिथि के रूप में जबलपुर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार श्री राजकुमार तिवारी सुमित्र, स्थानीय समाजसेवी एवं अकादमी के संरक्षक श्री पुरुषोत्तम दास जी चोखानी, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के अध्यक्ष श्री बिमल बजाज मंच पर उपस्थित थे। इस सत्र को दौरान अकादमी द्वारा प्रकाशित पत्रिका पूर्वोत्तर वार्ता एवं कहानी लेखन महाविद्यालय, अंबाला छावनी द्वारा प्रकाशित शुभ तारिका के डा. महाराज कृष्ण जैन विशेषांक सहित वैश्य परिवार पत्रिका, श्री बिमज की पुस्तक भावाञ्जलि, श्री रण काप्ले की कविता-संग्रह भय, डा. दविन्दर कौर होरा की कविता-संग्रह खिली कलियाँ, डा. बीना रानी गुप्ता की पुस्तक महिला साहित्याकरों का नव-चिंतन, श्रीमती लक्ष्मी रूपल की पुस्तक बंजारे हैं शब्द और श्री प्रवीन विज की पुस्तक घाव आज भी हरे हैं का लोकार्पण मंचस्थ अतिथियों ने किया।  इस सत्र का सफल संचालन किया डॉ. अरुणा कुमारी उपाध्याय ने। इस समारोह का शुभारंभ कुमारी अंकिता तिवारी, श्रीमती शीला रानी शुक्ला और शोभा रानी तिवारी द्वारा प्रस्तुत सामूहिक सरस्वती वंदना के साथ हुआ। श्री बिमल बजाज ने सभी अतिथियों, लेखकों, प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस सत्र के दौरान पाथेय साहित्य कला अकादमी, जबलपुर की ओर से श्री शंकरलाल गोयनका, श्री बिमल बजाज और श्रीमती उर्मि कृष्ण को पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के विकास के लिए सराहनीय कार्य हेतु पाथेय हिंदी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। कहानी लेखन महाविद्यालय अंबाला छावनी की और से श्री बिमल बजाज को हिंदी सेवा के लिए डा. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान से विभूषित किया गया। इसी सत्र में मेघालय बोर्ड ऑफ सेकण्डरी इजुकेशन  2014 में  हिंदी भाषा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने हेतु कुमारी दृष्टि दे, शेरवुड स्कूल तूरा को श्री कृष्णमोहन नाथ गोस्वामी छात्र पुरस्कार के रूप में 2200 रुपये नकद, स्मृ





ति चिह्न, प्रमाण पत्र तथा अंग वस्त्र प्रदान किये गये। इस सत्र का समापन अकादमी के सचिव डा. अकेलाभाइ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
काव्य संध्या
शाम 6-30 बजे से काव्य संध्या का आयोजन जबलपुर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डा. राजकुमार तिवारी सुमित्र की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें विभिन्न भाषाओं के कवियों ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। इस सत्र का संचालन श्रीमती सुमन सारस्वत (मुंबई), श्री सुरेन्द्र गुप्त सीकर (कानपुर), श्री सतीसचन्द्र शर्मा सुधांशु (उत्तर प्रदेश), श्रीमती शोभा रानी तिवारी (इन्दौर) और डा. अकेलाभाइ ने किया। जिन कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया उनमें प्रमुख थे, डा. सतीशचन्द्र शर्मा सुशांधु, श्री किसान दीवान, श्रीमती मालविका रायमेधी दास, श्रीमती काकोली गोगोई, श्री संतोष परिहार, डा. अंजुल कंसल, डा. चंद्रा सायता, श्रीमती रानी नारंग, श्रीमती रश्मि नायर, श्रीमती आशा जाकड़, श्रीमती लक्ष्मी रूपल, श्री ऋषिकेश राय, श्री राजकुमार जैन राजन, श्री दिल्स लक्ष्मीन्द्र सिन्हा, श्रीमती विनोद चौहान, श्रीमती मीना कुमारी रायमेधी, डा. वीनारानी गुप्ता, श्री वीरेन्द्र सिंह वीर, श्री राम सिंह वीर, श्री रमेश मिश्र आनंद, श्री हर गोविन्द पाठक दीन, श्री सगीर अशरफ, श्री पंकज शर्मा, श्री रण काफले, डा. राजकुमार तिवारी सुमित्र, श्रीमती कीर्ति श्रीवास्तव, श्रीमती शीला रानी शुक्ला, डा. गायत्री तिवारी, डा. गार्गीशरम मिश्र मराल, आचार्य भगवत दुबे, श्रीमती सुष्मिता दास, श्रीमती पुष्पलता राठौर, श्री फैयाज अहमद खान, श्रीमती कमलेश चौधरी और डा. दवेन्दर कौर होरा। इस काव्य संध्या में कुल 4 सत्र थे तथा समस्त कवियों को मंच प्रदान किया गया और उन्हें गामोछा (खदा) पहना कर सम्मानित भी किया गया।  आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डा. अकेलाभाइ ने किया। सुश्री सीनी कुमारी मेस और कुमारी रेशमा थापा ने सभी कवियों का स्वागत गमोछा (खदा) पहना कर किया।
हिंदी प्रचारक सम्मेलन (राष्ट्रीय संगोष्ठी)
दिनांक 6 जून 2015 को पूर्वाह्न 10.30 बजे से डा. गार्गी शरण मिश्र मराल, वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिंदी सेवी, जबलपुर मध्य प्रदेश की अध्यक्षता में पूर्वोत्तर भारत में हिंदी का प्रचार विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी (हिंदी प्रचारक सम्मेलन) का आयोजन असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, गुवाहाटी तथा पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आये 11 विशेषज्ञों ने अपने-अपने आलेख पढ़े। इस सत्र का सफल संचालन डा. अकेलाभाइ ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, गुवाहाटी के मंत्रि डा. क्षीरदा कुमार शइकीया, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में  डा. बीनारानी गुप्ता और विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती काकोली गोगोई मंच पर उपस्थित थे। श्रीमती कमलेश चौधरी, श्री संतोष परिहार, श्रीमती सुष्मिता दास,श्री कृष्ण लाल न्नदा, आचार्य भगवत दुबे, श्रीमती मालविका रायमेधि दास, श्री राजकुमार जैन राजन, श्री राजकुमार तिवारी सुमित्र, डा. बीना रानी गुप्ता, श्रीमती काकोली गोगोई और डा. क्षीरदा कुमार शइकीया ने अपने-अपने आलेख प्रस्तुत किये। अपने अध्यक्षीय भाषण में डा. गार्गी शरण मिश्र मराल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी विद्वानों के आलेखों की प्रशंसा करते हुए उनकी समीक्षा प्रस्तुत की। अकादमी के इस प्रयास की सहारना करते हुए बताया कि इस तरह के सम्मेलनों के आयोजन से पूर्वोत्तर भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश में हिंदी का विकास होगा। हिंदी के विकास के लिए सभी हिंदी सेवियों को एक मंच पर लाना होगा तथा हमें इस कार्य के लिए भरपूर प्रोत्साहन देने का भी आवश्यकता है।  इस संत्र के लिए डा. अकेलाभाइ ने आभार व्यक्त किया।
अखिल भारतीय लेखक सम्मान समारोह
दोपहर 3-30 बजे से अखिल भारतीय लेखक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि रूप के रूप में श्रीमती उर्मि कृष्ण, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. क्षीरदा कुमार शइकीया, श्री ओमप्रकाश अग्रवाल, श्री पुरुषोत्तमदास चोखानी, अकादमी के अध्यक्ष श्री बिमल बजाज मंच पर उपस्थित थे। इस सत्र का सफल संचालन डॉ. अरुणा उपाध्याय ने किया। इस सत्र में श्रीमती शोभा रानी तिवारी, डा. सावित्री जगदीश चौरसिया, श्रीमती अमृता अवस्थी, श्रीमती आशा जाकड़, डा. चन्द्रा सायता, डा. दविन्दर कौर होरा, श्रीमती रानी नारंग, डा. अंजुल कंसल, श्रीमती रेखा अग्रवाल, आचार्य भगवत दुबे, डा. गार्गी शरण मिश्र मराल, डा. राजकुमार तिवारी सुमित्र, श्रीमती कीर्ति श्रीवास्तव, श्री संतोष परिहार एवं श्रीमती संध्या शुक्ला (मध्य प्रदेश), श्री लाल सिंह कछवाह, डा. बीना रानी गुप्ता, श्री रामवीर सिंह वीर, श्री सुरेन्द्र गुप्त सीकर, श्री विपिन गुप्ता (उत्तर प्रदेश), डा. अम्बुजा एन. मलखेडकर, डा. सविता तिवारी, डा. सलीम इब्राहिम मुजावर (कर्नाटक), श्रीमती सुमन सारस्वत, श्रामती रश्मि नायर, श्रीमती कोटापल्ली लता तेजेश्वर राव, श्रीमती विद्या कुंदरगी मदिलु (महाराष्ट्र), श्रीमती कमलेश चौधरी, डा. अनीता भारद्वाज, डा. रेणु पाँचाल माधवी, प्रो. विनोद चौहान, श्री प्रवीन विज और श्री देवचंद मस्ताना (हरियाणा), श्री राजकुमार जैन राजन (राजस्थान), श्री सगार अशरफ (उत्तराखण्ड), श्री वीरेन्द्र सिंह वीर (गुजरात), श्री कृष्ण लाल नन्दा (पंजाब), श्रीमती मीना कुमारी रायमेधि, डा. क्षीरदा कुमार शइकीया (असम), श्रमती पुष्पलता राठौर (मेघालय) को उनके समस्त लेखन एवं साहित्यधर्मिता के लिए डा. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।   इस वर्ष का केशरदेव गिनिया देवी बजाज स्मृति सम्मान डा. शिप्रा बासु, श्री रण काफले, डा. गायत्री तिवारी, श्री जयमती नार्जारी, डा. सतीशचन्द्र शर्मा सुधांशु,  श्री रमेश मिश्र आनन्द, श्री ऋषिकेश राय, श्री दिल्स लक्ष्मीन्द्र सिन्हा, श्री सरोजा आश्विन लोडाया, श्रीमती लक्ष्मी रूपल, श्री रणजीत कुमार सिन्हा को प्रदान किया गया। जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान डा. कामना श्रीवास्तव, श्री हरगोविन्द पाठक दीन, श्रीमती काकोली गोगोई बैश्य, श्रीमती सुष्मिता दास, श्री विजय कुमार, श्रीमती मालविका रायमेधि दास, श्री किसान दीवान और श्री फैयाज अहमद खान को तथा जे. एन. बावरी स्मृति सम्मान डा. अनीता पण्डा, श्रीमती शीला रानी शुक्ला, डा. रुणा कुमारी उपाध्याय, श्री पंकज शर्मा और श्रीमती सरला मिश्र को उनके समस्त लेखन एवं साहित्यधर्मिता के लिए प्रदान किया गया।
सांस्कृतिक संध्या
सायं 6-30 बजे से सांस्कृतिक संध्या का सफल संचालन श्रीमती सुमन सारस्वत ने किया। इस सत्र के मुख्य अतिथि थे श्री कृष्ण लाल नन्दा। इस नृत्य एवं संगीत समागम में भारत नाट्यम्, असम प्रदेश का लोकप्रिय बिहु लोक नृत्य, मध्य प्रदेश गान, नेपाली लोक नृत्य, आधुनिक गीतों पर आधारित नृत्य, असमीया लोकगीत, भजन, आधुनिक गीत आदि विभिन्न कलाकारों ने प्रस्तुत किया। इस संगीत और नृत्य के रंगारंग कार्यक्रम में श्रीमती जयमती नार्जारी, श्री प्रवीन विज, श्री सुरेन्द्र गुप्ता, श्री हरिगोविन्द पाठक दीन, डा. चन्द्रा सायता, श्रीमती आशा जाकड़, डा. अंशुल कंसल, श्रीमती शेभा रानी तिवारी एवं समूह, कुमारी गरीयसी कश्यप एवं समूह, कुमारी विधि सारस्वत एवं आरंभ सारस्वत, कुमारकी सृष्टि अधिकारी, कुमारी अंकिता तिवारी, कुमारी आस्था झा आदि कलाकारों का सराहनीय योगदान रहा। इन सबी कलाकारों को मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
पर्यटन एवं वनभोज
रविवार 7 जून 2015 को कुल प्रतिभागी लेखकों ने बस द्वारा मतिलांग पार्क, मौसमाई गुफा, थांगखरांग पार्क आदि स्थानों  का भ्रमण किया। बस का सफर काफी मनोरंजक था। प्रतिभागियों ने रास्ते भर गीत और संगीत से इस यात्रा को सुखद और मनोरंजन-पूर्ण बना दिया। जिन लोगों ने पहली बार इस सम्मेलन में आये उनके लिए यह पर्यटन कौतूहल भरा था और सभी अपने-अपने कैमरे में क़ैद करने की कोशिश कर रहे थे। दोपहर के भोजन का आनंद सभी लेखकों ने वर्षा के कारण बस के भीतर ही ली। लेखक जब इको पार्क पहुँचे तभी बरसात शुरू हो गयी इस कारण कई लोग मौसमाई गुफा देखने के वंचित रह गये। इस तरह चेरापूँजी की बरसात का आनन्द भी लेखको ने खूब उठाया।
आभार
इस सम्मेलन के आयोजन में केशरदेव गिनिया देवी बजाज चैरिटेबुल ट्रस्ट, जीवनराम मुंगी देवी गोयनका पब्लिक चैरिटेबुल ट्रस्ट, जे. एन. बावरी ट्रस्ट, महाबीर जनकल्याण निधि, मेसर्स केशरीचंद जयसुखलाल, कहानी लेखन महाविद्यालय, श्री पुरुषोत्तम दास चोखानी, असम राइफल्स महानिदेशालय, सीमा सुरक्षा बल, स्टार सिमेंट और श्री ओमप्रकाश अग्रवाल के सहयोग और समर्थन के लिए आयोजन समिति ने आभार प्रकट करते हुए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

*********(नोट- यह आलेख प्रकाशनार्थ आयोजन समिति द्वारा जारी किया गया । संपादक बंधु इसे उचित स्थान देकर हमें आभार प्रकट करने का अवसर दें ।)