तुम्हारे जाने
के बाद
तुम्हारे जाने के
बाद,
मेरा घर सूना-सूना
है।
जब तक तुम थे इस
घर में
लगता, मेरा घर
पूरा-पूरा है।।
सिर्फ तेरी
उपस्थिति से
पूरा घर था
भरा-भरा।
तेरी उपस्थिति के
बिना
अब लगता है ये घर
मरा-मरा।।
मुझे नहीं है पता
फिर तुम कब वापिस
आओगे।
पर, एक विश्वास है
तुम पर
तुम मुझे अपने पास
बुलाओगे।।
अब तो मेरा यह घर
मकान-सा लगने लगा
है।
तेरे बिना मेरा
जीवन
अब वीरान –सा लगने
लगा है।।
पल-पल, हर पल लगता
है
मेरे दरवाजे पर दे
रहे हो दस्तक।
पर वह कोई दूसरा
होता है
और झुक जाता है
मेरा मस्तक।।
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