Saturday, August 4, 2012

तुम्हारे जाने के बाद


तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारे जाने के बाद,
मेरा घर सूना-सूना है।
जब तक तुम थे इस घर में
लगता, मेरा घर पूरा-पूरा है।।
सिर्फ तेरी उपस्थिति से
पूरा घर था भरा-भरा।
तेरी उपस्थिति के बिना
अब लगता है ये घर मरा-मरा।।
मुझे नहीं है पता
फिर तुम कब वापिस आओगे।
पर, एक विश्वास है तुम पर
तुम मुझे अपने पास बुलाओगे।।
अब तो मेरा यह घर
मकान-सा लगने लगा है।
तेरे बिना मेरा जीवन
अब वीरान –सा लगने लगा है।।
पल-पल, हर पल लगता है
मेरे दरवाजे पर दे रहे हो दस्तक।
पर वह कोई दूसरा होता है
और झुक जाता है मेरा मस्तक।।


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