Wednesday, June 12, 2019

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा आयोजित शिविर का समापन


पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलोंग का त्रिदिवसीय राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन सम्पन्न
हिंदी के विकास में एक महत्वपूर्ण प्रयास
जवान मातृभूमि रक्षा व लेखक मातृभाषा संरक्षण में देता है सहयोग
पूर्वोत्तर भारत में नागरी लिपि एवं राष्ट्रीय भाषाओं के  विकास में जुटी है पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी
पूर्वोत्तर हिंदी  अकादमी, शिलोंग द्वारा अखिल भारतीय स्तर का 23वां त्रिदिवसीय राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन शुक्रवार से यहां मौपट स्थित सीमा सुरक्षा बल ( सीसुब ) की 11वीं वाहिनी के सेक्टर मुख्यालय में आरंभ हुआ । बतौर मुख्य अतिथि सीसुब के मौपट सेक्टर मुख्यालय के उप - महानिरीक्षक अवतार सिंह, शाही हिस्सा लिए । अकादमी के अध्यक्ष बिमल बजाज और कार्यक्रम निदेशक श्रीमती उर्मि कृष्ण ( शुभ तारिका अंबाला छावनी ) की मौजूदगी में विशिष्ट अतिथि के रूप में जीवनराम मुंगी देवी गोयनका चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रभारी शंकरलाल गोयनका, सीसुब ( मौपट ) के समादेष्टा राज़ कुमार बसट्टा, सीसुब 11वीं वाहिनी के समादेष्टा कुलदीप सिंह और समाजसेवी पुरषोत्तम दास चोखानी आदि मंचासीन थे । अपरान्ह तीन बजे से शुभारंभ कार्यक्रम में  अकादमी के सचिव ( मानद ) डॉ• अकेलाभाइ की देखरेख और डॉ• अरूणा उपाध्याय की कुशल संचालन में उद्घाटन सत्र हुआ । देश भर से आए साहित्यकारों,  हिंदी सेवियों, लेखकों , कवियों और अन्य के मंच से औपचारिक परिचय  बाद आमंत्रित अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान हुआ । मुख्य व विशिष्ट अतिथि के हाथों दीप प्रज्वलन पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप संवोधित करते हुए अवतार सिंह शाही ने कहा कि देश का जवान मातृभूमि रक्षा तथा लेखक मातृभाषा संरक्षण में योगदान देता है । हिंदी विकास के लिए जो मंथन अगले दो दिन तक चलने वाला है निश्चित रूप से अवश्य अमृत निकलेगी । देश भर से आए साहित्यकारों, हिंदी सेवियों, लेखकों व कवियों का समागम में उन्हें हिस्सा लेने का अवसर प्रदान मिला इसके लिए वे आभारी हैं । बजाज और अकेलाभाइ भाई के प्रयास से हर वर्ष होने वाले सम्मेलन से हिंदी विकास और प्रचार - प्रसार में बहुत बड़ा कार्य हो रहा । इसके पूर्व बजाज ने अपने स्वागत भाषण में आमंत्रित मेहमानों का स्वागत किया । उन्होंने कहा कि शिलोंग में वे स्वयं अथवा उनकी संस्था विगत 29 वर्षों से हिंदी की विकास पर कार्य कर रही हैं । शिलोंग का मौसम अनुकूल भी होता है । गर्मी की मौसम में यहां आना व विभिन्न स्थानों का अवलोकन करना सभी को भाता है । इस क्रम में कई पुस्तको का लोकार्पण आमंत्रित अतिथियों के कर कमलों से हुआ । इसके अलावा तमाम लोगो को विभिन्न रत्न से सम्मानित किया गया । पूर्वोत्तर वार्ता ( संपादक डॉ• अकेलाभाइ, प्रधान संपादक श्रीमती उर्मि कृष्ण ), शुभ तारिका ( संपादक उर्मि कृष्ण, प्रकाशक कहानी लेखन महाविद्यालय ), पूर्वोत्तर भारत और हिंदी ( संपादक रघुनाथ पांडेय ), अगर इज़ाज़त हो ( रचनाकार दिनेश चंद्र प्रसाद दिनेश, आर के पब्लिकेशन, मुंबई ), संघर्ष काव्य संकलन ( डॉ• केवी उमाशंकर , रवीना प्रकाशन, नई दिल्ली ) और साथी है संवाद मेरे ( ज्ञान प्रकाश पीयूष, बोधी प्रकाशन, जयपुर ) सहित अन्य पुस्तकों का लोकार्पण किया गया । इस मौके पर डॉ• जेवा रशीद और रघुनाथ सिंह कर्मयोगी को हिंदी क्षेत्र में योगदान व लेखन के मद्देनजर अकादमी शिखर सम्मान से नवाजा गया । असमिया गामोछा, झापी, प्रसस्ति पत्र व अन्य भेंट कर सम्मानित किया गया । इसके अलावा अन्य तमाम लोगो को अनूप बजाज युवा लेखन सम्मान से भी सम्मानित किया गया । उद्घाटन सत्र का आभार वक्तव्य स्थानीय संयोजक डॉ• अकेलाभाइ ने दिया । उन्होंने आयोजन से जुड़ी जानकारी साझा की । यह बताया कि कई विकट परिस्थितियां होने के बावजूद आयोजन सफल पूर्वक कर पा रहे हैं । सीसुब ने सभागार  मुहैया व कई अन्य सहयोग कर आयोजन को सफल बनाने में जो मदद कर रही इसका वह आभार व्यक्त करते हैं । उद्घाटन सत्र के समय श्रीमती जयमती नार्जरी एवं साथी तथा डॉ• आशा शर्मा, जयपुर द्वारा भजन, भक्ति गीत और सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । शाम साढ़े पांच बजे से कवि सम्मेलन शुरू हुआ जो देर रात तक चला । देश भर से आए कवि व कवयित्री ने विभिन्न विषयों पर सुंदर कविताओं से शमा बांधा ।
पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलोंग का त्रिदिवसीय राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन के दूसरे दिन मंथन, संगोष्ठी, सम्मान व सांस्कृतिक समारोह का आयोजन
पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलोंग द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन के दूसरे दिन हिंदी विकास पर मंथन, विभिन्न विषयों पर संगोष्ठी, सांस्कृतिक एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अकादमी के अध्यक्ष बिमल बजाज, सचिव ( मानद )डॉ. अकेलाभाइ, कार्यक्रम निदेशक उर्मि कृष्ण ( शुभ तारिका, अंबाला छावनी ) की उपस्थिति में बतौर मुख्य अतिथि सीसुब के मौपट सेक्टर मुख्यालय के उप - महानिरिक्षक अवतार सिंह शाही हिस्सा लिए।  विशिष्ट अतिथि के रूप में जीवनराम मुंगी देवी गोयनका चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रभारी शंकरलाल गोयनका, सीसुब 97वीं वाहिनी के समादेष्टा एचएस रावत, सीसुब के 11वीं  वाहिनी के समादेष्टा कुलदीप सिंह और समाजसेवी सत्यनराय बेरीवाल आदि आमंत्रित थे। दीप प्रज्जवन पश्चात कार्यक्रम शुरू हुआ। इस अवसर पर हिंदी सेवियों, साहित्यकारों, लेखकों, कवियों आदि को सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण अकादमी के उपाध्यक्ष जान मोहम्मद ने दिया। उन्होंने सभी आमंत्रित अतिथियों का परिचय दिया। इस दौरान अकादमी के अध्यक्ष बिमल बजाज के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि के कर कमलो से हुआ। सचिव अकेलाभाइ ने बजाज के जीवनी और सामाजिक गतिविधियों से संवंधित जानकारी दी। इसके बाद आए प्रतिभागियों का सम्मान हुआ। श्रीमती चुन्नन कुमारी, श्रीमती स्वाति, डॉ. आशा कुमारी पटना ( पटना ) और श्रीमती आकांक्षा शंखधर ( प्रयागराज ) को अनूप बजाज युवा लेखक सम्मान से सम्मानित किया गया। मालूम हो कि यह सम्मान राष्ट्रभाषा के संवर्द्धन एवं हिंदी लेखन में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। श्रीमती सविता सिंह दास, शोणितपुर (असम) श्रीमती कविता मुनेशसिंह राजपूत, डॉ. सुशीला पाल, श्रीमती सुवर्णा अशोक जाधव,श्रीमती अलका पाण्डेय, डॉ. ज्योति गजभिये मुंबई (महाराष्ट्र) जगबीर सिंह कौशिक, शिलोंग (मेघालय), धर्मपाल साहिल, होशियारपुर (पंजाब), लाजपत राय गर्ग, पंचकूला (हरियाणा) डॉ. गीता डोगरा, जालंधर (पंजाब), रवीन्द्र जुगरान, नई दिल्ली, डॉ. सुनीता सिंह, भिवानी (हरियाणा), केवी उमाशंकर, शिवमोग्गा ( कर्नाटक ), डॉ. कीर्तिवल्लभ शक्टा, चम्पावत (उत्तराखण्ड), श्रीमती ज्योति शर्मा, लुधियाना (पंजाब), सईद आलम, इन्दौर (मध्य प्रदेश), श्रीमती नीतू मुकुल, जयपुर (राजस्थान), भरत शांतिलाल पाटलीया, अहमदाबाद (गुजरात), रमेश चीमनलाल मुलवानी, अहमदाबाद (गुजरात) शैलेन्द्र कुमार प्रसाद, सिवान ( बिहार ), डॉ. राम धीरज शुक्ल, इलाहाबाद , डॉ. दिलीप कुमार अवस्थी, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), डॉ. रीता गौड़, जयपुर, डॉ. आशा शर्मा, जयपुर (राजस्थान),डॉ. श्रीकृष्ण तिवारी, जबलपुर (मध्य प्रदेश), श्रीमती मालती मिश्रा, नई दिल्ली, डॉ. पूनम सेठी, जयपुर (राजस्थान), विजय बागरी, कटनी (मध्य प्रदेश ), डॉ. राजकुमार निजात, सिरसा (हरियाणा), अजय कुमार रस्तोगी, चम्पावत (उत्तराखण्ड), ज्ञान प्रकाश ‘पीयुष’, सिरसा (हरियाणा), कन्हैया साहू ‘अमित’, बलौदा बाजार ( छतीसगढ़ ), राकेश कुमार ‘जैनबंधु’, सिरसा, हरियाणा, श्री बलबीर सिंह वर्मा, सिरसा, रघुनाथ पाण्डेय, गोण्डा (उत्तर प्रदेश ), श्री बलराम अग्रवाल, दिल्ली, डॉ. कुसुम सिंह ‘अविचल’, कानपुर ( उत्तर प्रदेश ), राजु बड़ो, उदालगुड़ी ( असम ), नीरज कुमार सिन्हा, भागलपुर,श्रीमती राशि सिन्हा ( बिहार ), श्री शिवशंकर यादवप्रभाकर त्रिपाठी, प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश ), निरंजन स्वरूप गुप्ता, खरगौन ( मध्य प्रदेश ), डॉ. लीला दीवान, जोधपुर, श्रीमती पूर्णिमा पाठक शर्मा, अजमेर ( राजस्थान ), श्रीमती शोभना मित्तल ‘श्याम’, ग्रेटर नोएडॉ ( उत्तर प्रदेश ), श्रीमती पुष्पा सिन्हा नई दिल्ली को डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान मिला। यह सम्मान समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता के लिए प्रदान किया जाता है। श्री मनोज मोदी, तिनसुकिया, डॉ. सुनीता अग्रवाल, जोरहाट, पूर्णिमा हज़ारिका, कार्बीँगलांग,श्रीमती सरिता सिंह, जोरहाट ( असम ), श्री राजेन्द्र कुमार, झाँसी, श्री साकेत सुमन चतुर्वेदी, झाँसी ( उत्तर प्रदेश), डॉ. उषा लाल कुरुक्षेत्र ( हरियाणा ), श्रीमती जयमती नार्जारी, कर्बीएंगलांग ( असम )यशपाल सिंह चौहान, नई दिल्ली, श्री आलोक सिंह,शिलोंग को गिनिया देवी केशरदेव बजाज स्मृति सम्मान दिया गया। यह सम्मान हिंदी भाषा, साहित्य एवं नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। शान्ति कुमार स्याल, नोएडॉ ( उत्तर प्रदेश ), श्रीमती वाणी बरठाकुर, शोणितपुर ( असम ), डॉ. सुनील कुमार देवरिया ( उत्तर प्रदेश )डॉ. क्षीरदा कुमार शइकीया, गुवाहाटी, असम, श्रीमती दीपिका सुतोदिया, गुवाहाटी, असम, श्री रुद्र सिकारिया, गुवाहाटी, असम, श्री अपूर्व सिकारिया, गुवाहाटी, असम को जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान प्राप्त हुआ। यह सम्मान भारतीय संस्कृति और साहित्यिक विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों के लिए प्रदान किया जाता है। डॉ. पठान रहीम खान, हैदराबाद ( तेलंगाना ), दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’, कोलकता ( पश्चिम बंग ), मदन मोहन शंखधर,प्रयागराज, डॉ. विजय प्रताप श्रीवास्तव, देवरिया, डॉ. सुयोग पाण्डेय, प्रयागराज, व्रजेश कुमार शंखधर, श्रीमती आशा पाण्डेय, श्रीमती मधु शंखधर ‘स्वतंत्र’, प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश ) और श्रीमती कृष्णा खेमका, शिवसागर (असम) को  महाबीर प्रसाद टिबरीवाला स्मृति सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान जन कल्याम एवं सामाजिक विकास के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। श्री अशोक शंकर राव जाधव, मुंबई, विजय कुमार, कुलदीप सिंह, पंकज शर्मा, अंबला छावनी, देवचंद मस्ताना, पिंजौर, जेश कुमार, लाल गितेश्नर कुमार सिंह, रवीन्द्र कुमार त्रिपाठी, श्री लाल मणि मिश्रा, प्रयागराज, ज्योतिपर्ण राजबंशी, निजय नोनिसा, कर्बिएंगलांग, डॉ. अरुणा कुमारी उपाध्याय, श्रीमती बबीता जैन, श्रीमती मंजु लामा, श्रीमती आशा पुरकायस्थ, विवेकानन्द पंडित, योगेश कुमार दुबे विभु, शिलोंग को प्रोग्रेसिव फाउंडेशन की ओर से स्मृति चिह्न भेंट किया गया। वहीं प्रतिभागी श्रीमती रशपाल देवी, होशियारपुर, श्रीमती त्रिशला गर्ग, पंचकूला, श्री हर्षित अग्रवाल, जोरहाट,श्री सुरेन्द्र कुमार शर्मा, जयपुर, अनिल कुमार, कोलकता, श्रीमती सोना रमेश मुलवानी, अहमदाबाद, श्री आदित्य सिंह कर्मयोगी, कोटा, श्रीमती दक्षा भरत पाटलीया, अहमदाबाद, श्रीमती मीरा अग्रवाल, दिल्ली, श्री अशोक कुमार, पटना, श्रीमती सुमित्रा देवी, पटना, अभिनव राज कौशल, पटना, श्री आयुष राज कौशल, पटना, प्रवीण कुमार शर्मा, भागलपुर, श्रीमती सेम्पू सिंह, प्रयागराज, मती रेखा यादव, प्रयागराज, श्रीमती सुनीता त्रिपाठी, प्रयागराज, श्रीमती सुशीला मिश्रा, प्रयागराज, श्रीमती पुष्पा गुप्ता, खरगौन ( मध्य प्रदेश ) को मंचासीन अतिथियों के हाथो प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस अवसर पर यशपाल सिंह चौहान, मनोज मोदी, रघुनाथ पांडेय, मदन शंखधर आदि लोगो ने आयोजन के बारे में अपने विचार व्यक्त किया। शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन शुरू हुआ जो देर शाम तक चला। मालूम हो कि अकादमी का यह 23वां राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन है। रविवार को अर्थात सम्मेलन के अंतिम दिन पर्यटन शिविर का आयोजन है। पर्यटन शिविर के दौरान देश भर से प्रतिभागियों को चेरापूंजी सहित विभिन्न पर्यटक स्थलों का अवलोकन कराया जाएगा।  
पर्यटन शिविर के साथ ही पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी का त्रिदिवसीय राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का समापन 
पर्यटन शिविर के साथ ही पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलोंग का त्रिदिवसीय 23वां राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का आज समापन हो गया । देश भर से 111 हिंदी सेवी, साहित्यकार, लेख़क, कवि आए हुए थे । इन सभी को आज चेरापूंजी के विभिन्न पर्यटक स्थलों का अवलोकन कराया गया  । शिलोंग के एलीफैंट फाल्स के बाद चेरापूंजी के मावसमाई कैव, थारखरांग पार्क व इको पार्क का दिखाया गया । पूर्वोत्तर भारत में मेघालय के प्राकृतिक खूबसूरती को लोगों ने बहुत ही करीबी से देखा व समझा। अनेक लोग तो मेघालय में पहली बार आए हुए थे । पहाड़, झरने, गहरे खाई व गुफ़ाओं को देख वे काफी खुश हुए । खास कर बादलों को देख काफी रोमांचित हो उठे । दरअसल बादलों को इतने करीब से देखने का उन्हें एक अलग सा अनुभाव हुआ । बादल भी कभी - कभी हवा की शक्ल में पास से बदन को छूते हुए उड़ जाता । इसका भरपूर आनंद लिया । इसके अलावा अपने कैमरे में सुंदर क्षणों को भी कैद करना नहीं भुले । मालूम हो कि देश 18 राज्यों से लोग इस सम्मेलन में भाग लेने आए हुए थे । मेघालय के खासी हिल्स की प्राकृतिक मनोरम दृश्यहरियाली, अनुकूल मौसम ने सभी को आकर्षित किया। बीच बीच मे रिमझिम बरसात से हर कोई खुश दिखाई दिया । कुछ लोग तो भीगने के लिए भी आतुर नज़र आए ।  इस दौरान प्रतिभागियों ने मेघालय की कला - संस्कृति, भाषा, पारंपरिक प्रथाओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त की । अकादमी के सचिव ( मानद )  डॉ• अकेलाभाइ के नेतृत्व में पर्यटन शिविर के तहत लोग रविवार को सारा दिन तमाम जगहों का भ्रमण किया । यादों के रूप में एक दूसरे के संग तस्वीरें ली । स्थानीय निवासियों के साथ भी अपनी तस्वीरें खिंचवाई । विदित हो कि 24 मई को शिलोंग में उक्त सम्मेलन का शुभारंभ हुआ था । त्रिदिवसीय सम्मेलन के पहले एवं दूसरे दिन हिंदी विकास पर मंथन, विचार संगोष्ठी, विभिन्न विषयों पर चर्चा, कवि सम्मेलन, सम्मान व सांस्कृतिक समारोह का आयोजन हुआ । अकादमी के अध्यक्ष बिमल बजाज ने सम्मेलन में हिस्सा लेने आए सभी हिंदी सेवियों, साहित्यकारों, लेखकों, कवियों का आभार व्यक्त किया । अकादमी के सचिव अकेलाभाइ ने बताया कि प्रति वर्ष शिलोंग में त्रिदिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है । देश के अलग हिस्सों से लोग आते है । हिंदी विकास पर मंथन के साथ ही पूर्वोत्तर भारत को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास करते हैं। एक दूसरे से लोग परिचित होते हैं । इस तरह से एक प्रदेश के लोग  दूसरे प्रदेश के लोगो को जान पाता है । मेघालय में सम्मेलन करने का एक फायदा यह भी होता है कि देश के दूसरे छोर से आए लोग पूर्वोत्तर भारत के बारे में जान पाते है ।
इस सम्मेलन के आयोजन में उत्तर-पूर्वी परिषद्, केशरदेव गिनिया देवी बजाज चैरिटेबुल ट्रस्ट, जीवनराम मुंगी देवी गोयनका पब्लिक चैरिटेबुल ट्रस्ट, महाबीर जनकल्याण निधि, कहानी लेखन महाविद्यालय, सीमा सुरक्षा बल, पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड, स्टार सिमेन्ट, पावर सिस्टम ऑपेरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड, पुरुषोत्तम दास चोखानी एण्ट सन्स, ओमप्रकाश अग्रवाल, डा अकेलाभाइ प्रोग्रेसिव फाउंडेशन आदि संस्थाओं के सहयोग और समर्थन के लिए आयोजन समिति ने आभार प्रकट करते हुए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
-योगेश दुबे विभु, मीडिया प्रभारी, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग 

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