Saturday, February 26, 2011

शिलांग में दो दिवसीय हिंदी संगोष्ठी आयोजित





शिलांग में दो दिवसीय हिंदी संगोष्ठी आयोजित

शिलांग (एक संवाददाता)। केंद्रीय हिंदी निदेशालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार और पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन पावरग्रिड कॉरपोरेशन लिमिटेड के राजभाषा प्रबंधक श्री देवेन्द्र कुमार मिश्र की अध्यक्षता में दिनांक 26 एवं 27 फरवरी को केंद्रीय हिंदी संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र शिलांग के सेमिनार हॉल में किया गया। इस अवसर पर पहले दिन पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के प्रचार-प्रसार से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई तथा दूसरे दिन स्थानीय कवियों द्वारा काव्य पाठ भी किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि श्री अतुल कुमार माथुर, अतिरिक्त आरक्षी महा निदेशक, मेघालय ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता है। हम सभी को हिंदी अपना कर ही इसका विकास किया जा सकता है। सरकारी तथा गैर-सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग पर बल देते हुए श्री माथुर ने कहा कि हमें हिंदी का प्रयोग अधिक से अधिक करने की आवश्यकता है। हिंदी के प्रचार के लिए यह भी आवश्यक है कि यहाँ की भाषाओं के कुछ शब्दों का प्रयोग हम हिंदी में भी करें तथा क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य का अनुवाद और नागरी लिपि में लेखन भी किया जाना चाहिए। श्री माथुर ने पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी को सुझाव दिया कि समय-समय पर हिंदी के ज्ञान को बढ़ाने के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन भी सार्थक होगा।

विचार गोष्ठी सत्र में श्री बिमल बजाज, श्रीमती मञ्जु लामा, सुस्मिता दास, डॉ. अवनीन्द्र कुमार सिंह, शिक्षा अधिकारी मेजर निलेश इंग्ले, प्रो. स्ट्रीमलेट डखार, प्रो. विद्याशंकर शुक्ल, प्रो. अशोक कुमार मिश्र, श्री रामविनोद यादव आदि वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर श्री रामकुमार वर्मा की पुस्तक पंचामृत का लोकार्पण किया गया। श्री वर्मा ने पुस्तक के विषय में अपने विचारों से लोगों को अवगत कराया। इस संगोष्ठी का सफल संचालन डॉ. अरुणा कुमारी उपाध्याय ने किया। इस सत्र का समापन संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अकेलाभाइ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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